मंगलवार, 19 मार्च 2013

होली में सुरक्षा 

भारत त्योहारों का देश है ! प्रत्येक महीने में प्रत्येक दिवस किसी न किसी आस्था के साथ जुड़ा  है ! यही त्यौहार भारतीय संस्कृति की अमिट  पहचान होने के साथ समाज को सुसंस्कृत भी करती है ! त्यौहार विभिन्नता  में एकता के प्रतीक हैं ! होली भी इन में से एक फाल्गुन माह में मनाया जाने वाला हर्षो उल्लास का पर्व है ! इस समय प्रकृति अपने अनुपम सौन्दर्य में नहा रही होती है ! पुष्पों से भरे उपवन जंगल मन को प्रफुल्लित करते हैं ! इस अनुपम छटा को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो धरती स्वय फाल्गुन की मस्ती में फूलों से होली खेल रही हो !

हमारे समाज में होली का अपना अलग ही महत्व है ! लोग रंग भेद भुलाकर गुलाल की मस्ती में  अपने सभी रंजो गम  भुलाकर खूब खुश होते हैं ! आज पारम्परिक रंगों का स्थान रसायनों ने ले लिया है ,इनसे बचना और बच्चों को उचित जानकारी देने की आवश्यकता है ! इस त्यौहार से जुडी कहानी बच्चों को अवश्य सुनाएं ! सर्वप्रथम होली वाले दिन बच्चे के पूरे शरीर में सरसों का तेल लगा लें ! बच्चों को गंदगी से खेलने से रोके ,उन्हें इको फ्रेंडली  रंग दें ! होली का नाम आते ही रंग भरा वातावरण सामने आ जाता है। ऐसे में बच्चे ज्यादा हुडदंग मचाते हैं और रंगों का प्रयोग करते हैं जिसका असर उनके स्‍वास्‍थ्‍य पर पडता है। भारत में हर साल लगभग 80 प्रतिशत लोगों को रंगों के दुष्प्रभाव का सामना करना पडता है। 

डॉक्टरों के अनुसार होली के बाद त्वचा, कान, आंख व सांस के मरीज 50 प्रतिशत तक बढ जाते हैं जिसमें बच्चों की संख्या ज्यादा होती है। बच्चों की त्वचा बहुत कोमल और नाजुक होती है जो इन केमिकलयुक्त रंगों को बर्दास्त नहीं कर पाती है और बच्चों को कई प्रकार के चर्म रोग हो जाते हैं। इसलिए होली में बच्चों को केमिकलयुक्त और गीले रंगों की बजाय सूखे रंग और गुलाल दीजिए।  बच्चों को गुब्बारे वाले खेलों से दूर रखे ,इससे उनको या दूसरे  को जीवन भर का नुक्सान हो सकता है !

स्वच्छता  के सारे नियम इस दिन भंग हो जाते है ! जो जैसा मिला बस खा लिया ! बच्चों को सही गलत का मापदंड भी सिखाएं ! यदि बच्चों की तबियात खराब हो जाए तो सारा त्यौहार की मयुज मस्ती ख़राब हो जाती है ! इसीलिए उन्हें कहीं भी बहार कुछ भी खाने से रोके ! घर पर ही शुद्ध व्यंजन बनाएं ! बाहर की मिठाईयां  व् पकवान भले ही आकर्षक हो किन्तु स्वच्छता का आभाव व् मिलावट का खरतर लगातार बना रहता है !बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान भी दें ताकि बच्चे किसी रंजिश का शिकार न बन बैठे  ! चलो मनाएं होली  खुशियों के रंगो संग !

गुरुवार, 14 मार्च 2013


प्रणाम का महत्व



आज अपनी रचना से ही अपनी बात आरम्भ करती हूँ , सभी के जीवन  में प्रणाम की महत्ता है ! प्रणाम रुपी ताले में उन्नति की चाभी होती है ! आएँ पहले जाने प्रणाम किन्हें करना होता है !

” सुबह करो प्रथम प्रणाम परमेश्वर का ,
जग में जलता दिया जिसके नाम का ,
उसके बाद करो दर्शन अपने करों का
जिनमें संचित होता प्रकाश ज्ञान व् स्वास्थ्य का ,
फिर सुमिरन में प्रणाम करो धरती गगन पाताल का ,
जिनसे देखो हरदम चलता जीवन सभी का ,
फिर सदैव होता प्रणाम घर में वृद्धों का
जिनके ह्रदय में बसता संसार आशीर्वाद का
फिर न भूलना प्रणाम अपनी जननी का
संघर्ष झेलकर जिसने कर्ज निभाया धरती का
फिर प्रणाम का अधिकार होता पिता का
जिसने हमे सिखाया कर्तव्य अपने जीवन का
फिर प्रणाम का अधिकार शिक्षक का
जिसने भेद सिखाया ज्ञान व् फ़र्ज़ के अंतर का
वैसे तो प्रणाम में समाहित संसार संस्कारों का
जीवन में अपना लेना प्रणाम का पथ उन्नति का !”

भारतीय संस्कृति में हाथ जोड़कर प्रणाम को अभिवादन सूचक माना जाता है ! अच्छे जीवन की प्राप्ति हेतु विभिन्न संस्कारों की भूमिका अतुलनीय होती है ! हमारी भारतीय संस्कृति में जन्म से मृत्यु तक संस्कारों की अमृत धारा प्रवाहित होती रहती है ! अच्छे संस्कार व्यक्ति को यशश्वी , उर्जावान व् गुणवान बनाते हैं ! संस्कार देश की परिधि निर्धारित करती है ! इसीलिए समाज के सभी सदस्यों को संस्कारों की मान गरिमा बनाये रखने हेतु सजग रहना चाहिए !

बच्चों को समझाएं कि जो अपनत्व प्रणाम में है वह हाथ मिलाने के आधुनिक व्यवहार में नहीं होता ! पाश्चात्य संस्कृति का दुरूपयोग करने के नकरात्मक प्रभाव आते है , व् स्वास्थ्य के लिए भी खतरा साबित हो सकते हैं ! हेल्लो , हाय , बाय व् हाथ मिलाने से उर्जा प्राप्त नहीं होती ! हमारी आज की युवा पीढ़ी अपनी स्वस्थ परम्परा को ठुकराकर अपने लिए उन्नति के द्वार स्वय बंद कर रहे है ! हाथ मिलाने से बचें , दोनों हाथ जोड़कर या पाँव पर झुक कर अभिवादन की आदत डालें , और हाथ मिलाना से जहाँ तक हो सके बचे क्यूंकि यह स्वास्थ्य के मार्ग में और अध्यात्मिक उत्थान के मार्ग में अवरोधक हैं !

अच्छे संस्कारों में सर्वप्रथम बच्चों को बडो का सम्मान करना सिखाईये ! बच्चों को प्रणाम का महत्व समझाईये ! बच्चों के जीवन की सम्पनता प्रणाम में ही संचित होती है ! जो बच्चे नित्य बडो को , वृद्ध जनों को , व् गुरुजनों को प्रणाम करते हैं और उनकी सेवा करते हैं , उसकी आयु , विद्या , यश और बल सभी साथ साथ बढ़ते हैं ! हमारे कर्म और व्यवहार ऐसे होने चाहिए कि बड़ों के ह्रदय से हमारे लिए आशीर्वाद निकले , और हमारे व्यवहार से किसी के ह्रदय को ठेश न पहुंचे ! प्रणाम करने से हमारे समूचे भावनात्मक और वैचारिक मनोभावों पर प्रभाव पड़ता है जिससे सकरात्मक बढती है ! आयें अपने बच्चों को सही मार्ग दर्शन दें !
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बुधवार, 6 मार्च 2013

तनाव तो जीवन उपहार 

इम्तहान का दौर आरम्भ हो चुका  है ,सैकड़ों विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा दे रहे हैं ! परीक्षा कोई भी हो ,आपके पूरे वर्ष की मेहनत का रहस्य छुपाये रहती है ! इन दिनों तनाव  बढना स्वाभाविक है क्यूंकि आपका सम्पूर्ण भविष्य  के निर्माता होते   हैं ये इम्तहान  ! बच्चे ,अभिभावक व् शिक्षकगण  इससे सभी प्रभावित होते हैं ! रात दिन एक करके पढाई करना ,अभिभावकों द्वारा भारी दबाब बच्चों पर घातक असर डालता है ! यह ज्ञात रहे बिना तनाव के कोई भी व्यक्ति जीवन में कोई भी मुकाम हासिल नहीं कर सकता ! यह वह अमृत धारा है जिसके सेवन से आपको अच्छे परिणाम प्राप्त करने की प्रबल इच्छा जागृत होती है ! तनाव मुक्त जीवन में व्यक्ति संघर्षशील  नहीं होता , अधिक प्रयास करने की उसकी इच्छा भी नहीं होती और वह नीरस जीवन व्यतीत करता है ! इसीलिए परीक्षा  से डरें  नहीं अपितु अपने कार्य को सुनियोजित तरीके से पूर्ण करने  की कोशिश करें ! 
सर्वप्रथम विद्यार्थी  ये याद रखें कि  परीक्षा पास करने में ईश्वर उनकी तभी मदद करेगा जब वे अध्यन में दिलचस्पी दिखायेंगे  ,जितना समय वो आपस में  गिले शिकवे  दूर करने में ,मन्दिर मस्जिदों के चक्कर काटने में व्यर्थ करेंगे ,उतनी  ही दूर उनकी मंजिल दिखेगी ! यदि किसी कारणवश आपने वर्ष भर अध्यन   नहीं किया  और  अब भी यदि  समय गवायेंगे  तो क्या हासिल होगा ! अपने भाग्य को कोसने या फिर कम अंक आने के भय से नकरात्मक उर्जा को अपने ऊपर होने ही नहीं देना है ! आजकल बच्चों ने बड़ा आसान  मार्ग ढूंढ लिया है ! यदि अंक अच्छे नहीं आये या परचे अच्छे नहीं गए ....तो घर से भाग जायेंगे , या फिर मौत को गले लगा लेंगे ,सारा झंझट ही खत्म हो जायेगा ! नही प्रिय बच्चों ऐसा बिलकुल भी नहीं है ,व्यक्ति का पूरा जीवन ही इम्तहान है जिसे उसे डटकर सामना करना होता है , बढाओ से डरकर आप कहीं भी जायेंगे नित्य नए इम्तहान आपके सामने आ खड़े होंगे ! इसीलिए अपने को सदा भाग्यशाली समझना कि ईश्वर ने आपको परीक्षा योग्य समझा तभी तो आप विद्यालय जा सके ,जरा उन लाखों बच्चों की ओर देखो जिन्हें दो वक़्त की रोटी नसीब नहीं होती ,विद्यालय  पहुँचना  तो उनके लिए सपने सरीखा है ! और क्या उनके जीवन का संघर्ष अपने आप में स्वयं इम्तहान से क्या कम है ! हरिवंश राय  बच्चन जी कविता बारम्बार पढ़ा करो ...तनाव ही आपकी मंजिल बनने में सहायक सिद्ध होगी ...याद कर लेना इस रचना को और जीवन में अपने उतार लेना 
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है ।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है ।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है ।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में ।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो ।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम ।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती !
अभिभावकों से भी निवेदन केवल परीक्षा के दिनों में बच्चों पर परीक्षा का दबाब न बनाएं , पूरे वर्ष भर उनका संबल बने और उनकी हर विषय की समस्याओं  को समझने की चेष्ठा  करें ! अच्छा स्वास्थ्य वर्धक भोजन ,व्यायाम  ,व् जीवन संघर्ष युक्त प्रेरित करती रचनाओं द्वारा उनके उचित मार्गदर्शी बनिए ! परीक्षा नजदीक आते ही माता-पिता का तनाव बच्चों पर हावी होने लगता है। बच्चों ने चाहे पूरे साल ढंग से तैयारी की हो पर परीक्षा नजदीक आते ही माता-पिता बच्चों के पीछे पडे रहते हैं। टीवी देखना, बातें करना, खेलना-कूदना सब बंद कर देते हैं। पर यह सब गलत है। जहां तक हो सके बच्चों के साथ दोस्ताना बर्ताव करें। अपना  तनाव कम रखें ताकि बच्चे तनाव में न आए। हर वक्त बच्चे को पढते रहने की नसीहत न दें। उसे अपने हिसाब से तैयारी करने के लिए कहें। बस यह ध्यान रखें कि वह हर विषय को पूरा समय दे। तनाव युक्त जीवन को सहर्ष अपनाएं अपना व् समाज हित में सदैव अग्रसर रहिए ! सभी परीक्षार्थियों को मेरी और से शुभकामनायें !